आखिर क्यों नई दुल्हन ससुराल में नहीं मानती पहली होली?

होली को रंगो का त्यौहार माना जाता है, इस दिन हर कोई एक दूसरे को रंग लगाकर होली का त्यौहार धूमधाम से मनाता है

आपने कई बार ऐसा देखा होगा की नई नवेली दुल्हन अपनी पहली होली ससुराल में नहीं बल्कि मायके में मानती है

इस प्रथा के पीछे भारत में की सारी कहानियां प्रचलित है, जिसके बारे में शायद ही आपको पता होगा

कुछ हिंदू ग्रंथो के अनुसार माना जाता है कि जिस दिन होली का आग में बैठी थी उसके अगले दिन उसका विवाह होने वाला था

एक कथा के मुताबिक जब होलिका की सास उसकी बारात लेकर पहुंची तब उन्होंने होलिका की चिता को वहां जलती हुए देखा था

जिस वजह से होलिका की सास सदमे में पहुंच गई और उनकी जान चली गई, जिस वजह से अब हिंदुओं में नई बहू को अपने मायके जाने वाली प्रथम आरंभ हुई है

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